बुधवार

गर्व से कहो ।

गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

जहाँ कानून का
हर गली में टूटता दम हो।
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

जहाँ बिखड़ता बचपन हो
टूटती जवानी का धैर्य हो
बुढ़ापे का न सहारा हो

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

हर गली में सिसकता बचपन हो
रिश्ते के बीच न कोई रिश्ता हो

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

खून के रिश्ते में पानी की भी
एक बून्द न हो
ऐसे खून का रिश्ता हो।

जहाँ धर्म के नाम पर एक भी विचार न हो
संस्कृति और सभ्यता को बेचकर
हर कोई मुस्कुराने वाला हो

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

जन्मभूमि को भूखे भेड़िये की तरह
खानें वाला हो।
हवसी की तरह
घूरने वाला हो।

चंद पैसे के खातिर
माँ बहन को बाजार में बेचने वाला हो

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

झूठ और मक्कारी भी
आँख से आँख में डाल कर बात करने वाला हो
शर्म हया न कोई बात हो
ऐसे देश और समाज में उसका ही बोलबाला हो।

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

मेरा खून नहीं
गन्दी नाले का पानी है
जो ये सब देख कर
दिल रोता नहीं
हँसता है।

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

बीच बाजार में जहाँ बिकता
आबरू और इज्जत है।
खुले आम घूमता उचक्का है
पिसता आम आदमी है।

फिर भी हम कहें
गर्व से कहो
हम भारतीय हैं।

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